अनियमित पीरियड्स का मतलब है कि आपका पीरियड्स आपके सामान्य चक्र की तुलना में थोड़ा जल्दी या ज्यादा देर से आ रहा एक मासिक धर्म का समय औसतन 28 दिनों का माना जाता है लेकिन प्रत्येक महिला में पीरियड्स का समय अलग-अलग होता है और यदि आप 24 से 38 दिनों के अंदर महावारी आते हैं तो भी आप की माहवारी को नियमित माना जाता है प्रत्येक महिला में मासिक धर्म में अनियमितताएं पाई जाती हैं यदि किसी महिलाओं को माहवारी नहीं आती है तो उसको भी अनियमित पीरियड्स ही माना जाता है
पीरियड्स के अनियमित होने के कारण
शरीर वजन बढ़ने की वजह से तथा कुछ हार्मोन के इन बैलेंस की वजह से या फिर अधिक व्यायाम की वजह से कुछ दवाइयों की वजह से पीरियड अनियमित हो जाते हैं पीरियड के अनियमित होने की वजह से महिलाएं मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाती हैं तथा बहुत से शारीरिक कष्ट भी हो जाते हैं पीरियड्स के अनियमित होने के बहुत से कारण है

ओवेरियन सिस्ट का होना
आजकल अधिकतर महिलाओं में यह देखी जाती है यह सिर्फ महिला की दोनों ओवरी (अंडाशय) में हो सकती हैं या एक में भी हो सकती है ओवेरियन सिस्ट लिक्विड से भरी थैली होती है जिसका वैसे तो कोई खतरा शरीर को नहीं होता है लेकिन उसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते है
हाइपोथायरायडिज्म
थायराइड की समस्या बहुतायत से पाई जाने लगी है वास्तविकता में थायराइड एक ग्रंथि है जो थायराइड रस का स्त्राव करती है लेकिन यदि किसी कारण से या इसमें किसी प्रकार के विकार की वजह से जब कम थायराइड रस बनने लगता है तो इसको हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं जो कि महिलाओं के पीरियड्स अनियमित कर देता है
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
जब महिलाओं में अचानक से मेल हारमोंस लगातार बढ़ने लगते हैं यदि यह बहुत अधिक बढ़ जाएं तो ओवरी में बनने वाला अंडा समय पर नहीं बन पाता है जिसके कारण पीरियड्स अनियमित होते जाते हैं जब महिला में PCOS बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है तो उसके पुरुषों के जैसे शरीर पर अधिक बाल आने लगते हैं तथा मुंहासे हो जाते हैं साथ ही उसका वजन भी बढ़ता जाता है यह समस्या महिलाओं में ही नहीं कम उम्र की लड़कियों में भी पाई जाती है
Uterus में fibroid का होना
Fibroid एक प्रकार की गांठ होती है जो यूट्रस में बनती है यह गांठ के बनने की वजह से महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं कई बार महिलाएं इन फाइब्रॉयड्स को कैंसर समझकर डरने लगती हैं लेकिन यह फाइब्रॉयड से कैंसर का खतरा नहीं होता कुछ रेयर केसेस को छोड़कर यह बहुत अधिक डेंजर नहीं होती है
अंडाशय का खत्म हो जाना
कई बार महिलाओं के अंडाशय में अंडे बनना बंद हो जाते हैं तथा बाद में यह धीरे-धीरे खत्म ही हो जाते हैं ऐसी स्थिति 40 वर्ष से पहले भी आ सकती है जिसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं इसको प्रीमेच्योर ओवेरियन फैलियर भी कहा जाता है
एक्सरसाइज
जो महिलाएं अत्यधिक व्यायाम करती हैं या फिर अत्यधिक खेलना कूदना उनके जीवन में है या फिर बहुत ज्यादा बहुत दूर लगाती हैं तो ऐसी महिलाओं के पीरियड्स दिया नियमित हो जाते हैं अक्सर देखा गया है कि जो एथलीट महिलाएं होती हैं उनको यह समस्या अधिकतर होती है
वजन
कई बार महिलाओं का वजन अत्यधिक हो जाता है तो ऐसी स्थिति होने पर भी पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं या वजन अत्यधिक कम हो जाए तभी मासिक धर्म में अनियमितता आ जाती है शरीर में चर्बी का बढ़ना बहुत सी शारीरिक समस्याओं को जन्म देता है
तनाव
कई बार देखा गया है जो महिलाएं अत्यधिक तनाव की स्थिति में रहती हैं उनमें पीरियड्स अनियमित होने की समस्या बहुत ज्यादा आती है अतः अपने आप को तनाव से बचाने की कोशिश की जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है तनाव की वजह से जो अनियमितता होती है वह कुछ समय के लिए ही होती है यदि आप अपने मूड को अच्छा रखते हैं तो वह परेशानी अपने आप खत्म हो जाती है
डायबिटीज का होना
यदि किसी महिला में डायबिटीज है तो उसमें भी यह नहीं अनियमितता हो जाती है क्योंकि डायबिटीज की वजह से हार्मोन असंतुलन हो जाता है और हारमोंस के इन बैलेंस की वजह से शारीरिक चक्र प्रभावित होता है और पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं
ज्यादा कार्बोहाइड्रेट या प्रोसैस्ड फूड
आजकल की जीवनशैली बहुत ही अलग हो गई है आज बाहर का खाना लोग बहुत पसंद करते हैं जिसकी वजह से महिलाओं में समस्या उत्पन्न हो जाती है ज्यादा कार्बोहाइड्रेट या प्रोसैस्ड फूड खाने से खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है और इस शुगर के लेवल के बढ़ने की वजह से आपके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं इसलिए जरूरी है की खुद के खानपान पर पूरा ध्यान दिया जाए और हेल्दी तथा घर का बना खाना ही खाया जाए
गर्भनिरोधक दवाइयां
जब महिलाएं गर्भनिरोध निरोधक दवाइयों का सेवन करती हैं तब भी उनके शरीर में ऐसे चेंजेज आते हैं जिससे उनके पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं लेकिन यह कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं
प्रेग्नेंट होने पर
जब महिला प्रेग्नेंट होती है तब उसके पीरियड्स बंद हो जाते हैं यह एक सामान्य प्रक्रिया है जोकि बच्चे के होने के बाद फिर से शुरू हो जाती है तथा पीरियड नियमित हो कार आने लगते हैं
अनियमित पीरियड्स के लक्षण
अनियमित पीरियड्स के बहुत से लक्षण है जोकि शरीर को कष्ट देते हैं तथा महिलाएं इससे विचलित हो जाती हैं
- पीरियड्स के समय उल्टी दस्त पेट में ऐठन आदि शारीरिक तकलीफ का होना
- कई बार महिलाओं में बहुत अधिक ब्लीडिंग होने लगती है तथा कई बार कम होने लगती है ऐसा होना इस अनियमितता का लक्षण है
- पीरियड खत्म होने के बाद भी कई दिनों तक हल्का ब्लीडिंग स्पोर्ट बनना यह भी अनियमितता का ही लक्षण होता है
- पीरियड्स में सामान्य अंतर का ना होना कभी तो 21 दिन से पहले क्या फिर 35 दिन के बाद माहवारी का होना अनियमितता को दर्शाता है
- कभी-कभी पीरियड्स 2 से 3 महीने नहीं आ पाते मिस होने लगते है यह भी अनियमितता को दर्शाते हैं
मासिक धर्म के अनियमित होने पर क्या इलाज लेना चाहिएं
महिलाओं में पीरियड्स अनियमित होने पर बहुत से ऐसे इलाज हैं जिनके जरिए इस अनियमितता को ठीक किया जाता है
हार्मोन थेरेपी
हमारे शरीर में एक सर्किट होता है जो हमारे दिमाग और अंडाशय को जोड़ता है वह सर्किट हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी ग्लैंड होता है जब भी थेरेपी की जाती है तो इस सर्किट में बदलाव कर दिया जाता है हार्मोन थेरेपी, हार्मोन की अस्थिरता तथा anovulation से रिलेटेड परेशानियों को खत्म करने की कोशिश की जाती है अतः जब भी कभी आपको पीरियड्स अनियमित हो तो आप डॉक्टर से हार्मोन थेरेपी के बारे में बोल सकती हैं इसकी आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है
निम्न उपचार जो हार्मोन थेरेपी में आते हैं
गर्भनिरोधक गोलियां गर्भनिरोधक उपकरण आईयूडी
बर्थ कंट्रोल पैच (birth control patch)
इसमें patch को स्किन या पेट, पीठ का ऊपरी हिस्से पर लगाया जाता है यह जो patch होता है वह एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेरोन हारमोंस से बना होता है आपका शरीर, patch से यह हारमोंस अवशोषित कर लेता है तथा अंडे को अंडाशय तक नहीं पहुंचने देता है वैसे तो यह बर्थ कंट्रोल patch है जो शुक्राणुओं को यूट्रस तक नहीं पहुंचने देता लेकिन साथ ही यह अनियमित पीरियड्स को भी नियमित करता है इस तकलीफ से निपटने में मददगार साबित होता है
बर्थ कंट्रोल शॉट-
इसमें भी हारमोंस को शरीर में पहुंचाया जाता है लेकिन इंजेक्शन के जरिए इसमें प्रोजेस्टेरोन हारमोंस को इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है जिससे अंडों का निर्माण बंद हो जाता है इसमें एस्ट्रोजन हार्मोन नहीं होता है इसलिए वह महिलाएं भी इसका यूज कर सकती हैं जिनके बेबी है और स्तनपान करवाती हैं इसको लगवाने के 3 महीनों तक गर्भ धारण नहीं किया जाता है लेकिन साथ ही यह इंजेक्शन पीरियड की अनियमितता को खत्म कर देता है
Oral contraceptive pills
आसान उपायों में से एक है इसके जरिए मासिक धर्म की अनियमितता खत्म होती है पीरियड्स समय पर आने लगते हैं इसमें गोलियों के दो सेट होते है एक समूह में हार्मोन होते हैं तथा दूसरे समूह में प्लेसिबो का सेट होता है यह टेबलेट हारमोंस के संतुलन का कार्य करती है तथा पीरियड्स को नियमित करती हैं वैसे यह गर्भनिरोधक का कार्य करती हैं लेकिन साथ ही जो भी मासिक धर्म में अनियमितता है उसको यह खत्म करती है
हाइपोथायरायडिज्म का इलाज-
जब शरीर में हाइपोथायरायडिज्म होता है तो पीरियड्स देर से आते हैं इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए थायराइड ग्रंथि के टिशूज का इलाज किया जाता है जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है इसमें मेटाबॉलिज घटता बढ़ता है जिससे समस्या उत्पन्न हो जाती है अधिकतर डॉक्टर इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए मैथिमाजोल की ही सलाह देते हैं इस दवाई को जब लिया जाता है तो कुछ समय पश्चात ही पीरियड नियमित हो जाते हैं इस दवाई के साइड इफेक्ट कम होते हैं
नशे से दूरी-
यदि आप सिगरेट शराब कैफ़ीन का अत्यधिक सेवन करते हैं तो आपको इसे या तो कम करना चाहिए या इसको बिल्कुल बंद कर देना चाहिए क्योंकि इनकी वजह से हार्मोनल असंतुलन होता है तथा बीपी हाई होता है इस वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं अतः आप नशे से बिल्कुल दूरी बनाकर चलें
व्यायाम
अधिक व्यायाम करने से अधिक भागदौड़ करने से भी यह समस्या हो जाती है जो एथलीट होते हैं उनमें यह समस्या बहुत पाई जाती है यदि आप बिल्कुल संतुलित व्यायाम करें आप हफ्ते में 5 दिन व्यायाम कर सकते हैं लेकिन वह बहुत अधिक ना हो तो पीरियड नियमित हो सकते हैं यदि फिर भी समस्या बनी हुई है तो आपको डॉक्टर से दिखाना चाहिए
पीरियड्स का अनियमित क्यों होते हैं
जो महामारी होती है यह मुख्य रूप से प्रोजेस्टेरोन एस्ट्रोजन और एफ एस एच जैसे हारमोंस के क्रिया करने की वजह से होती है अतः इनमें से किसी में भी गड़बड़ होने से आपके पीरियड्स लेट हो सकते हैं या अनियमित हो सकते हैं कई बार दवाइयों की वजह से भी अनियमित होते हैं लेकिन जब लंबी अवधि तक यह दवाइयां चलती हैं तो आप की जैविक क्लॉक सेट हो जाती है
डॉक्टर्स के पास जाकर कब परामर्श लेना चाहिए
- जब आप 21 दिन से पहले वह 35 दिन के बाद पीरियड्स आते हैं
- जब आपको मासिक धर्म आता है तो अत्यधिक मात्रा में ब्लड आता है या हफ्ते भर से ज्यादा दिन का समय महावारी का होता है तो आपको डॉक्टर से अवश्य परामर्श लेना चाहिए
- 2 से 3 महीने तक पीरियड्स का नहीं होना यह भी एक चिंता का विषय होता है ऐसा होने पर आपको परामर्श लेना चाहिए
- मासिक धर्म के बाद भी स्पोर्ट दिखते रहना
निष्कर्ष-
जब भी पीरियड अनियमित होने की समस्या आती है तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना चाहिए क्योंकि यह किसी अन्य बीमारी का संकेत भी हो सकती है साथ ही आप नियमित तौर पर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें व संतुलित खानपान करें तथा नशे से हमेशा दूरी बनाकर रखें
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Q.1 पीरियड अनियमित क्यों होते हैं
प्रोजेस्टेरोन एस्ट्रोजन और एफ एस एच जैसे हार्मोन की क्रियाशीलता की वजह से महावरी होती है यदि इनमें से किसी एक में भी गड़बड़ी हो जाए तो पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं
Q.2 क्या ओवेरियन सिस्ट डेंजरस होती हैं
नहीं ओवेरियन सिस्ट लिक्विड से भरी थैली होती है जो एक ओवरी में या दोनों ओवरी में हो सकती हैं जिसका वैसे तो शरीर पर कोई खतरा नहीं होता है लेकिन उसकी वजह से पीरियड अनियमित हो जाता है