मौसम बदलने के साथ ही लोगों में कफ, कोल्ड, इंफेक्शन और साइनस की समस्या बढ़ने लगती है साइनस की समस्या होने पर व्यक्ति की नाक बंद हो जाती है व कभी-कभी पानी भी टपकने लगता है सिर दर्द होता रहता है साइनस की समस्या होने पर चेहरे पर सूजन आ जाती है आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द होता है इसमें नाक में व गले में कफ जमा रहता है यह बीमारी आगे चलकर अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी में बदल जाती है सांस लेने में भी परेशानी होती है आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है
साइनस होने पर क्या परेशानी होती है
साइनस को लेकर लोग मानते हैं कि यह नाक के अंदर हड्डी बढ़ जाने से या तिरछी जाने से होता है जिससे सांस लेने में रुकावट आती है तथा बाहर से जो हवा या धूल मिट्टी के कण आते हैं वह इस हड्डी से टकराते हैं और छींके आती हैं लेकिन वास्तव में साइनस के संक्रमण होने पर झिल्ली में सूजन आ जाती है सूजन की वजह से उस झिल्ली में मवाद या बलगम भर जाता है जिस से सिर में गालों के ऊपर जोड़ों में दर्द होने लगता है जब नाक बहने लगता है तो छींके आना शुरू हो जाती है तथा व्यक्ति कमजोरी महसूस करने लगता है आधे सिर में दर्द होने लगता है
साइनस के प्रकार
- तीव्र साइनोसाइटिस
- मध्यम तीव्र साइनोसाइटिस
- जिर्ण साइनोसाइटिस
- आवर्तक साइनोसाइटस
तीव्र साइनोसाइटिस में लक्षण अचानक शुरू होते हैं यह समस्या दो चार हफ्तों तक होती है इसमें तकलीफ होती है फिर यह ठीक हो जाता है जो मध्यम तीव्र साइनोसाइटिस होता है उसमें 4 से 12 हफ्तों तक यह समस्या रहती है तथा चेहरे पर सूजन आ जाती है जिर्ण साइनोसाइटिस में 12 हफ्तों से अधिक तक समय यह रहता है आवर्तक साइनोसाइटिस में साल भर बार-बार यह साइनस की प्रॉब्लम होती है व्यक्ति परेशान हो जाता है
साइनस होने के कारण क्या है
हमारे सिर में कई खोखले छिद्र होते हैं जिन्हें कैविटीज बोलते हैं जो सांस लेने में मददगार साबित होते हैं जब इन्हें किसी प्रकार की रुकावट आ जाती है तो यह की समस्या उत्पन्न हो जाती है बैक्टीरिया फंगल व वायरल होने से यह कैविटीज़ प्रभावित होती हैं एक्यूट साइनोसाइटिस दो चार हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन क्रॉनिक साइनोसाइटिस 12 हफ्ते या इससे ज्यादा भी चल सकता है इसमें परेशानी भी अधिक होती है

क्या जुकाम साइनस में बदल सकता है
जिन लोगों को लगातार जुकाम होती है उन्हें साइनस होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है लगातार जुखाम का बनना या बंद हो जाना सांस लेने में दिक्कत होना यह सब साइनस होने की ओर इशारा करते हैं यदि लंबे टाइम तक जुकाम बने रहती है तो वह धीरे-धीरे साइनस का रूप ले ही लेती है क्योंकि जितनी भी कैविटीज है वह जुखाम की वजह से बंद हो जाती हैं और वहां पर बलगम जमा होने लगता है
किस वजह से साइनस हो सकता है
प्रदूषित वातावरण में रहना
जब हम प्रदूषित वातावरण में रहते हैं तो हमें सांस लेने में भी तकलीफ होती है और वायु में जो प्रदूषित कण, स्मोक , दूषित वायु ,हानिकारक कण हैं वह सब श्वास नली मे चले जाते हैं जिसकी वजह से जुकाम रहने लगता है और वह साइनस का रूप ले लेता है इसलिए जहां तक हो सके प्रदूषित वातावरण से बचना चाहिए आजकल वैसे स्वच्छ वातावरण बचा तो नहीं है लेकिन फिर भी कोशिश करनी चाहिए कि हम ऐसी जगह ना जाएं जहां बहुत अधिक धूल ,मिट्टी ,धूआ हो
एलर्जी भी एक वजह है
यदि आपको किसी भी चीज से एलर्जी है जिससे आपको बार बार जुकाम बन जाता है तो आप साइनस के शिकार हो सकते हैं क्योंकि अत्यधिक एलर्जी रहने की वजह से लगातार जुकाम बना रहेगा जिसे कैविटीज बंद हो जाएंगे और यह समस्या हो जाएगी
नाक की हड्डी का बढ़ना
नाक की हड्डी बढ़ने लगती है तो यह कैविटीज़ को प्रभावित करती है जिसकी वजह से स्वास छिद्र में अवरोध पैदा होता है और सांस ठीक से नहीं ली जा सकती जिसकी वजह से जुकाम रहने लगता है
भोजन की वजह से
यदि भोजन सही तरीके से ना किया जाए उसको अनियंत्रित होकर खाया जाए जरूरत से ज्यादा खाया जाए तो यह गलत होता है तथा पोषक तत्व भोजन में कम मात्रा में लिए जाएं तो साइनस की समस्या हो सकती है
साइनस होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं
- यह होने पर कैविटीज बंद हो जाती हैं
- चेहरे पर सूजन आने लगती हैं
- सांस लेने में भी जोर लगता है
- जिसमें सिर दर्द बना रहता है
- दांतों में दर्द होता है क्योंकि जो तरल पदार्थ के कैविटीज़ में जमा हो जाता है वह दातों पर दबाव डालता है
- आंखों के ऊपर भारीपन तथा दर्द बना रहता है
- यह होने पर आवाज बदल जाती है
- थकान रहने लगती है
- सुंघने की क्षमता पर असर पड़ता है
साइनस से बचने के लिए क्या नहीं करें
जीवन शैली को बदलें जिससे यह नहीं हो पाएगा आप ठंडे पेय पदार्थ से बचें, कोई भी ठंडी चीज आप ना खाएं, फ्रीज से निकला हुआ कोई भी सामान आप ना खाएं ,ठंडी हवाओं से आप बचे, जब भी बाहर निकले चेहरे पर कपड़ा लपेट के निकले जिससे ठंडी हवा आपकी श्वास नली में ना जाए

साइनस होने पर क्या खाना चाहिए
- रोज आंवला खाएं आमला हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाता है
- रोजाना सूप पिए
- खजूर, किशमिश, सोंठ, अजवाइन, हींग ,लहसुन, लौकी, कद्दू आदि सभी चीजों का सेवन करें
- साबुत अनाज, दालें, हल्की पक्की सब्जियां, फलियां खाएं
- खूब सारा गुनगुना पानी पिए
- साइनस हो जाने पर तुलसी का काढ़ा बनाकर पीये काढ़ा बनाने के लिए 10 से 15 तुलसी के पत्ते में एक टुकड़ा अदरक का ले तथा 10 से 15 पुदीने के पत्ते लें इन सब को आप पीस लें तथा एक गिलास पानी में अच्छे से उबाले जब यह गिलास आधा रह जाए तब इस काढ़े को छान लें तथा इसमें शहद मिला दे और पीले इसको दिन में दो बार ले
क्या नहीं खाएं
जिस आहार के खाने से म्यूकस ज्यादा बनता हो वह नहीं खाने चाहिए जैसे मैदे की चीज, अंडे, चॉकलेट, अधिक तेल की चीजें, प्रोसेस्ड आहार ,शक्कर, डेयरी उत्पाद, कैफिन, गन्ने का रस, दही, चावल, केला, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, तीखा खाना आदि नहीं लेना चाहिए यह साइनस की समस्या को ज्यादा बढ़ा देते हैं
क्या नहीं करना चाहिए
आपको जब यह समस्या होती है तो ठंडी हवा में ज्यादा देर नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह ठंडी हवाएं आपके साइनस की समस्या को ज्यादा बढ़ा देती हैं यदि जाना भी पड़े तो आप चेहरे पर कपड़ा ढककर जाएं जिससे आप ठंडी हवाओं से बचाएं
साइनस से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय
अदरक से साइनस का बचाव
अदरक में जिंजीरोल, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल, एंटीफंगल एजेंट गुण होते हैं यह सभी प्रतिरोधक तंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं अदरक एलर्जी को भी कम करती है अदरक का सेवन दर्द में आराम दिलाता है अदरक सूक्ष्म जीव को खत्म करके दर्द में राहत देती है आप अदरक एक टुकड़े को 10 मिनट तक पानी में अच्छे से उबालें जब एक कप पानी आधा कप रह जाए तो उसको आप छानकर पी लें यह आपको बहुत आराम दिलाएगी
प्याज लहसुन की भाप
प्याज में सल्फर होता है जोकि एंटीबैक्टीरियल का काम करता है इसलिए यह साइनस की प्रॉब्लम को बहुत जल्दी ठीक करता है आप प्याज और लहसुन लेकर इनको पानी में अच्छे से उबालें और इनकी भाप लें आपके नाक यदि बंद है तो वह तुरंत खुल जाएंगे और आपके दिमाग में आपको राहत मिलेगी
हल्दी का सेवन
साइनस होने पर आप रोजाना दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी का मिलाएं तथा इसको अच्छे से उबालें और इसे पी ले अब 2 हफ्ते तक यह लगातार करें यह भी इसमें आपको आराम दिलाता है
टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल साइनस की प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए बहुत ही अच्छा तत्व है इसकी 3 से 5 बूंदे पानी में मिलाइए तथा पानी को अच्छे से उबालकर भाप लीजिए इसमें एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी तथा एंटीमाइक्रोबियल्स एजेंट मौजूद होते हैं जो आप को राहत देते हैं
तुलसी का सेवन
आप 10-15 तुलसी की पत्तियां लें 10-15 ही पुदीने की पत्तियां लें तथा एक टुकड़ा अदरक का ले इन सब को आप पीसकर पेस्ट बना लें और एक गिलास पानी में इनको मिला ले उस पानी को आप उबालें जब तक कि वह आधा ना हो जाए इसको छानकर इसमें शहद मिलाएं और इसे आराम से बैठ कर पिए हफ्ते में दो बार यह काढ़ा जरूर पीएं है यह आपको आराम देगा इस काढे को पीने के बाद 1 घंटे तक आपको इतना नहीं करना है
डॉक्टर से कब परामर्श लें
यदि 10-15 दिन में आप ठीक नहीं होते हैं आपकी साइनस की समस्या बनी रहती है आप सभी घरेलू उपाय कर लेते हैं उसके बाद भी जब जुकाम खत्म ना हो तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए हो सकता है आपको इंफेक्शन हो डॉक्टर जरूरी जांच करके आपको दवा देंगे
निष्कर्ष
साइनस की समस्या जब होती है तो व्यक्ति अपनी जीवन की गुणवत्ता को खो देता हैं आप साइनस के लक्षणों पर गौर करें तथा अपने खाने में बदलाव करें अब गर्म चीजें खाने में इस्तेमाल करें ठंडी चीजों का बिल्कुल त्याग कर दें अदरक का इस्तेमाल विशेष रूप से करें तथा तुलसी के काढ़े को जरूर लें यदि साइनस तब भी ठीक ना हो तो डॉक्टर की परामर्श लें
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इस Website पर दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के उद्देश्यों के लिए है और यह पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। चिकित्सीय स्थिति के संबंध में आपके किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा किसी योग्य स्वास्थ्य प्रदाता की सलाह लें। इस Website पर आपने जो कुछ पढ़ा है, उसके कारण पेशेवर चिकित्सा सलाह की अवहेलना न करें या इसे प्राप्त करने में देरी न करें। इस Website पर निहित जानकारी “जैसा है” आधार पर प्रदान की जाती है
Q.1 साइनस में कहां दर्द होता है
साइनस में सिर में दर्द होता है तथा जब कैविटीज़ म्यूकस से बंद हो जाती हैं तो गाल के ऊपर के हिस्से वाले जबड़े में दर्द होता है चेहरे पर सूजन भी आ जाती है तथा इसमें बहुत छींके के आती हैं व्यक्ति अपने आप को कमजोर महसूस करने लगता है
Q.2 साइनस इन्फेक्शन के रहने का समय कितना होता है
साइनस 4 से 12 हफ्ते भी रह सकता है और यदि यह ज्यादा हो तो यह 12 हफ्तों से भी अधिक समय रह सकता है साल भर में बार-बार साइनोसाइटिस की परेशानी भी हो सकती है इसके प्रकार पर निर्भर करता है
Q.3 साइनस को जड़ से कैसे खत्म करें
साइनस को जड़ से खत्म करने के लिए भाप लें
साइनस को जड़ से खत्म करने के लिए चेहरे पर गर्म तौलिए से सेव करें
साइनस होने पर गरम पेय पदार्थों को ले
साइनस होने पर आराम ज्यादा करें