Skip to content
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Privacy Policy
  • Sitemap
  • Terms and Conditions
GyanPress

GyanPress

  • Trending
  • Money
  • Ved Gyan
  • Health
  • Toggle search form
2023 में निरोगी जीवन कैसे रहे

 2023 में निरोगी जीवन कैसे रहे

Posted on November 24, 2022February 2, 2023 By Mamta Choudhary No Comments on  2023 में निरोगी जीवन कैसे रहे

आयुर्वेद एक ऐसा शास्त्र है जो मनुष्य को निरोगी जीवन देने की गारंटी देता है भोजन के नियमों को जानकर व पानी पीने के नियमों को सीख कर हम निरोगी जीवन जी सकते हैं सही बर्तनों का इस्तेमाल करके हम अपने जीवन को स्वस्थ बना सकते हैं साथ ही हमें अपने जीवन में योग को जगह देनी चाहिए और साथ में ही व्यायाम को भी जगह देनी चाहिए यह सब मिलकर हमको स्वस्थ शरीर वह निरोगी काया देते हैं

योग और व्यायाम से निरोगी जीवन

Table of Contents

  • आयुर्वेद को अपनाकर कैसे निरोगी रह सकते हैं
  • भोजन पकाने का नियम 
  • बर्तन कौन से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
    • क्या माइक्रो ओवन का इस्तेमाल करना चाहिए?
    • क्या खाना खाने के बाद विश्राम करना चाहिए? 
  • कैसे बर्तन इस्तेमाल करें
  • क्या लोहे का बर्तन इस्तेमाल करना चाहिए
  • भोजन करने का नियम 
  • भोजन कब करना चाहिए
  • यदि मन संतुष्ट ना हो तो 27 तरह की बीमारियां हो सकती हैं
  • (खाना खाने के बाद कम से कम 10 मिनिट वज्रासन पर जरूर बैठे) 
  • (रेफ्रिजरेटर में रखे हुए भोजन को कभी भी दोबारा गर्म ना करें उसे 48 मिनट बाद ही खाएं)
  • पानी पीने का नियम
  • ज्वाइंडिस ( पीलिया) मैं बारिश का पानी सबसे अच्छा होता है
  • विरुद्ध आहार कभी ना खाएं 
  • Disclaimer :-
  • गोरा कैसे बने (How to become fair)
  • Pilbara क्षेत्र में Japanese Encephalitis Virus का पता चला
  • यह 5 स्वस्थ आदतें अपनी दिनचर्या में शामिल करे

आयुर्वेद को अपनाकर कैसे निरोगी रह सकते हैं

आयुर्वेद के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने के लिए बहुत सारे ऋषि यों ने एक शास्त्र की रचना करी जिसका नाम अष्टांग हृदयम है इसमें 7000 श्लोक हैं जो मनुष्य जीवन को निरोगी बनाने के लिए है

चरक ने जड़ी बूटियों की चिकित्सा से स्वस्थ रहना सिखाया उन्होंने जड़ी बूटियों पर सबसे ज्यादा शोध किए जिससे हम को निरोग जीवन मिले और उन्होंने ऐसी ऐसी औषधियां बनाई जो असाध्य रोग को भी खत्म कर सकें यह सब आयुर्वेद में संभव है कैसा भी रोग हो उसका इलाज हमारी इन जड़ी बूटियों में है

महर्षि सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा के बारे में बहुत ज्ञान दिया और यह सभी जानते हैं कि सर्जरी सबसे पहले भारत मे आई 

महर्षि वाग्भट ने बीमार ही न पडने की विद्या सिखाई जिससे हर व्यक्ति निरोग रह सके

अब आपको अपनी जीवन शैली को फिर से पटरी पर लाना होगा महंगी चिकित्सा से सस्ती घरेलू चिकित्सा की ओर जाना होगा और इसका मार्गदर्शन हमें सिर्फ आयुर्वेद से ही मिल सकता है अतः आयुर्वेद में अनेक सुझाव दिए हैं जिससे निरोग जीवन जिया जा सके

भोजन पकाने का नियम 

निरोगी रहने के लिए सर्वप्रथम आप जो भोजन पकाते हैं उस समय भोजन को सूर्य का प्रकाश वह पवन का स्पर्श जरूर मिलना चाहिए अधिक से अधिक प्राणवायु (ऑक्सीजन) उसमें शोषित होनी चाहिए जिससे आपका भोजन बहुत ही ऊर्जावान हो जाता है जो आपको चमत्कारी तरीके से निरोगी रखता है

बर्तन कौन से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

प्रेशर कुकर का भोजन बिल्कुल भी ना करें निरोगी रहने के लिए यह बहुत ही जरूरी है प्रेशर कुकर खाने को पकाने के लिए उस पर अतिरिक्त दबाव डालता है प्रेशर कुकर में भोजन में सिर्फ तीन परसेंट माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बसते हैं मॉलिक्यूल टूट जाते हैं पकते नहीं है प्रेशर कुकर के इस्तेमाल से कैंसर जैसे भयानक रोग होता है अतः निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेशर कुकर का उपयोग बिल्कुल भी ना करें

एलुमिनियम स्वस्थ जीवन के लिए एलुमिनियम के बर्तन का इस्तेमाल ना करें इससे शरीर की प्रतिकारक क्षमता कम होती है हमारे शरीर में एस्क्रीटा सिस्टम है जो जहर को बाहर निकालने का तंत्र है और वह एलुमिनियम को कभी बाहर नहीं निकाल पाता है जिससे हम निरोगी काया नहीं रख पाते

एलुमिनियम बहुत भारी धातु है यह हमारे शरीर में इकट्ठा होती जाती है और इससे हम स्वस्थ्य नहीं रह पाते और बहुत सारे रोग हमें घेर लेते हैं अतः एलुमिनियम को आपकी किचन से बिल्कुल बाहर हो जाना चाहिए

बर्तन कौन से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

स्टेनलेस स्टील निकिल और क्रोमियम दो केमिकल के इस्तेमाल से बनता है जो बहुत भारी धातु है आयुर्वेद के हिसाब से हमें कभी भी ऐसी बातों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जो हमारा शरीर बाहर ना निकाल सके यदि शरीर को स्वस्थ रखना है निरोगी रखना है तो इनका इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर दिया जाए

रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें क्योंकि यह 12 गैसों  का इस्तेमाल तापमान कम करने के लिए करता है जो कि प्रकृति के नियमों के विरुद्ध है उन गैसों को सी एफ सी कहते हैं यानी कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन जिसमें क्लोरीन फ्लोरीन व कार्बन डाइऑक्साइड भी है रसायन की भाषा में क्लोरीन मतलब जहर, फ्लोरीन मतलब अत्यंत जहर ,कार्बन डाइऑक्साइड मतलब अत्यंत से भी अत्यंत जहर

अतः आप निरोगी जीवन जीना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें रेफ्रिजरेटर में रखा हुआ खाना जहर के समान हो जाता है अतः कोशिश करें कि भोजन बनाते हैं ताजा ताजा खा लिया जाए और उसको रेफ्रिजरेटर में ना रखना पड़े

क्या माइक्रो ओवन का इस्तेमाल करना चाहिए?

माइक्रो ओवन का इस्तेमाल आयुर्वेद के हिसाब से कभी नहीं करना चाहिए यह आपके शरीर को स्वस्थ नहीं रखता है क्योंकि भोजन इसमें समान रूप से नहीं पकता है यह आपके भोजन को सही रूप में नहीं रख पाता है

क्या खाना खाने के बाद विश्राम करना चाहिए? 

यह सभी नियम आपको निरोगी बनाते हैं जिससे आपको कोई बीमारी जकड़ नहीं पाती सुबह वह दोपहर के भोजन के बाद आप 20 मिनट जरूर से विश्राम करें जब भी विश्राम करें बाई करवट ही लेटे क्योंकि बाई करवट लेते ही सूर्य नाड़ी शुरू हो जाती है जिससे भोजन को पचने में सहायता मिलती है
भोजन के बाद आराम करना इसलिए भी जरूरी है कि भोजन करने के बाद रक्त का दबाव बढ़ जाता है
लेकिन शाम को भोजन के बाद आराम नहीं करना है बल्कि घूमना चाहिए हल्का फुल्का काम आप कर सकते हैं फिर उसके 3 घंटे बाद आपको सोना चाहिए

कैसे बर्तन इस्तेमाल करें

खेत की मिट्टी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का खजाना है मिट्टी पवित्र होती है हमारा शरीर मिट्टी से बना है इसलिए जिन सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है वह इसमें होते हैं अतः स्वस्थ रहने के लिए  मिट्टी से बने बर्तनों में खाना खाएं मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने के कई फायदे हैं इसमें भोजन खराब नहीं होता है तथा भोजन पकाने पर भी एक भी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स कम नहीं होता

मिट्टी के बर्तन बायोडिग्रेडेबल होते हैं अर्थात नष्ट होने पर पुणे मिट्टी में मिल जाते हैं हम निरोगी रह पाते हैं क्योंकि मिट्टी ने लाखों करोड़ों साल से सूर्य की धूप में जो तपस्या की है उसी का यह परिणाम है कि सभी पोषक तत्व मिट्टी में विद्यमान है

कैसे बर्तन इस्तेमाल करें
कैसे बर्तन इस्तेमाल करें

क्या लोहे का बर्तन इस्तेमाल करना चाहिए

शुद्ध लोहे के बर्तन को खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए यह अन्य धातुओं की अपेक्षा ज्यादा अच्छा है यदि शरीर में लोहे की कमी हो तो यह उसको पूरा भी करता है अतः स्वस्थ जीवन जीने के लिए लोहे का बर्तन भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं

भोजन करने का नियम 

यदि आपको अपना जीवन स्वस्थ जीना है और अपनी निरोगी काया रखनी है तो जो भोजन बन जाता है उस भोजन को 48 मिनट के अंदर आप खा ले तो अच्छा है क्योंकि इसके बाद भोजन पोषि्टक नहीं रहता है

तथा 4 घंटे में भोजन बासी हो जाता है आप भोजन को खूब चबाकर खाएं जितने दांत आपके मुंह में है उतनी बार आपको चबाना चाहिए जिससे मुंह की लार ज्यादा से ज्यादा आपके पेट में जाती है वह खाना आसानी से पता है अतः पुराने समय में कहा जाता था कि पानी को खाओ और खाने को पिओ निरोगी जीवन जीने के लिए यह जरूरी है

चबा चबा कर खाने से वजन भी नहीं बढ़ता है जो कि हमें स्वस्थ रहने में मदद करता है भोजन के अंत या मध्य में पानी पीना विष के समान होता है क्योंकि आमाशय में भूख के कारण जठराग्नि बनती है जो कि भोजन के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है लेकिन मध्य या अंत में पानी पीते हैं यह अग्नि बुझ जाती है व पचने की क्रिया रुक जाती है

भोजन करने का नियम 

फिर यह भोजन पचेगा नहीं सडेगा भोजन सड़ने से शरीर में वायु बनती है जो 103 लोग हमारे शरीर में पैदा करती है और हमारा शरीर स्वस्थ व निरोगी नहीं रह पाता और बहुत सारे लोग पैदा हो जाते हैं जैसे पेप्टिक अल्सर बवासीर एसिडिटी अल्सर और अंत में कैंसर

भोजन कब करना चाहिए

आपको यदि स्वस्थ रहना है तो भोजन उस वक्त किया जाना चाहिए जब जठराग्नि तीव्र हो और जठराग्नि सूर्योदय से ढाई घंटे तक तीव्र होती है यह सबसे अच्छा समय होता है भोजन करने के लिए सुबह 7:00 से 10:00 के बीच भारी भोजन कर सकते हैं 

तब आपको लगेगा कि आप निरोगी जीवन जी पा रहे हैं सबसे ज्यादा जरूरी है कि भोजन में मन की संतुष्टि पेट की संतुष्टि से ज्यादा बड़ी होती है

यदि मन संतुष्ट ना हो तो 27 तरह की बीमारियां हो सकती हैं

खाना जमीन पर बैठकर खाएं यथार्थ सुखासन में बैठकर खाएं जिससे संपूर्ण रक्त पेट में रहेगा या भोजन आसानी से पचेगा इस स्थिति में जठराग्नि तीव्र होती है गुरुत्वाकर्षण की वजह से नाभि चार्ज होती है जो कि हमारे पाचन के लिए बहुत अच्छा है

खाने को सदैव थोड़ा ऊंचाई पर रखें इसके अलावा आप उकडू बैठकर भी भोजन कर सकते हैं लेकिन जो ज्यादा शारीरिक मेहनत करते हैं यह मुद्रा उनके लिए ठीक होती है इससे आप निरोग रहेंगे

खाना सुखासन पोज़ में खाये

(खाना खाने के बाद कम से कम 10 मिनिट वज्रासन पर जरूर बैठे) 

खाना खाते समय चित्र और मन प्रसन्न व शांत रखें जिससे पाचक रस तेजी से बनेंगे जिससे आपको निरोग जीवन जीने में सहायता मिलेगी और आप स्वस्थ रहेंगे आयुर्वेद के हिसाब भोजन हमेशा जलवायु वे तासीर के अनुसार करें और प्रसन्न मुद्रा में करें तो पाचक रसों स्राव तेजी से होता है

खाना खाने के बाद कम से कम 10 मिनिट वज्रासन पर जरूर बैठे) 

(रेफ्रिजरेटर में रखे हुए भोजन को कभी भी दोबारा गर्म ना करें उसे 48 मिनट बाद ही खाएं)

पानी पीने का नियम

सुबह बिना कुल्ला किए पानी पिए भोजन के अंत में या बीच में पानी ना पिए कम से कम 1 घंटे बाद पानी पिए वह भोजन से  1 घंटे पहले पानी पी सकते हैं

दोपहर के भोजन के बाद छाछ पीऐ व रात्रि को दूध पीना आयुर्वेद में अच्छा माना गया है

पानी हमेशा घूट घूट करके पिए इससे वजन कम होता है पेट में अम्ल होता है जो अग्नि को तीव्र करता है मुंह में क्षार बनता है अम्ल व क्षार आपस में मिलकर न्यूट्रल हो जाते हैं

अम्ल का पीएच 7 से कम है व क्षार का पीएच 7 से अधिक होता है और न्यूट्रल का मतलब होता है ph7

पानी न्यूट्रल है क्योंकि इसका ph7  है पेट हमेशा पानी के जैसा रहे तो अच्छा है पानी को हमेशा बैठ कर पिए

यदि तांबे के बर्तन का पानी पीते हैं तो नंगे पांव ना रहे और तांबे का पानी पीते समय जमीन से सीधा संपर्क ना रखें

खड़े होकर पानी पीने से नुकसान होता है हर्निया और दूसरा अपेंडिसाइटिस होता है जोकि गंभीर रोग है अतः खड़े होकर जल्दी-जल्दी पानी पीने से किडनी पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है इसलिए यदि आपको अपने जीवन को स्वस्थ रखना है और निरोग रखना है तो हमेशा बैठकर पानी की

ज्वाइंडिस ( पीलिया) मैं बारिश का पानी सबसे अच्छा होता है

विरुद्ध आहार कभी ना खाएं 

खाने में दो विरोध वस्तुएं ना खाएं जिनका गुण व दोष एक दूसरे के विरुद्ध हो

० दाल के साथ दही ना खाएं यदि दही खाना है तो जीरा काला नमक या सेंधा नमक अजवाइन का छौंक दे

० गरम भोजन व ठंडी आइसक्रीम एक साथ ना खाएं

० दूध और कटहल एक साथ ना खाएं

० प्याज एक साथ ना  खाएं

० शहद और घी एक साथ ना खाएं यह दुनिया का सबसे बड़ा जहर है 

० उड़द की दाल में दही एक साथ ना खाएं

० आयुर्वेदिक दवा के साथ अंग्रेजी दवा का सेवन ना करें

० दूध और दही एक साथ ना लें

० दही में नमक मिलाकर कभी ना खाएं सारे जीवाणु खत्म हो जाते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए जीवाणु बहुत अच्छे होते हैं अतः आप मीठा मिला सकते हैं लेकिन चीनी नहीं

० खट्टा आम दूध के साथ ना खाएं आप पका हुआ आम दूध के साथ ले सकते हैं

० किसी भी प्रकार के खट्टे फल का सेवन ना करें दूध के साथ

अतः आयुर्वेद के अनुसार आपको अपने जीवन को स्वस्थ व निरोगी रखना है तो हमेशा भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए तथा घरेलू चिकित्सा की ओर जाना चाहिए मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए 

जितने भी अप्राकृतिक रूपों से भोजन को तैयार किया जाता है तथा बहुत से ऐसे उपकरण जो हमारे जीवन का एक हिस्सा बनते जा रहे हैं उनको दूर रखना होगा

पक्षी और जानवर आज भी प्राकृतिक तरीके से ही अपना जीवन जी रहे हैं वह घुट घुट करके पानी पीते हैं और भोजन भी वह प्राकृतिक तरीके का ही ले रहे हैं हमें वैसा ही जीवन जीना पड़ेगा जिसे हम स्वस्थ रह पाएंगे और आयुर्वेद भी हमें यही सलाह देता है इसलिए निरोग जीवन ही सफलता की कुंजी है

Disclaimer :-

इस Website पर दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के उद्देश्यों के लिए है और यह पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। चिकित्सीय स्थिति के संबंध में आपके किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा किसी योग्य स्वास्थ्य प्रदाता की सलाह लें। इस Website पर आपने जो कुछ पढ़ा है, उसके कारण पेशेवर चिकित्सा सलाह की अवहेलना न करें या इसे प्राप्त करने में देरी न करें। इस Website पर निहित जानकारी “जैसा है” आधार पर प्रदान की जाती है

click here


  • May 31, 2023

    गोरा कैसे बने (How to become fair)


  • March 27, 2023

    Pilbara क्षेत्र में Japanese Encephalitis Virus का पता चला


  • March 24, 2023

    यह 5 स्वस्थ आदतें अपनी दिनचर्या में शामिल करे

Health Tags:10 tips for a healthy lifestyle in hindi, healthy lifestyle habits in hindi, healthy lifestyle meaning in hindi, healthy lifestyle quotes in hindi, healthy lifestyle routine in hindi, healthy lifestyle speech in hindi, importance of healthy lifestyle in hindi, love yourself enough to live a healthy lifestyle meaning in hindi, meditation ke fayde, tips for healthy lifestyle in hindi, आयुर्वेद को अपनाकर कैसे निरोगी रह सकते हैं, निरोगी, निरोगी काया, निरोगी जीवन, निरोगी रहने के लिए अच्छा भोजन करे, भावातीत ध्यान के लाभ, योग और व्यायाम से निरोगी रहे, रसमय जीवन स्वस्थ जीवन paragraph writing, वज्रासन से निरोगी रहे, सुखासन से निरोगी रहे, स्वस्थ जीवन शैली के लाभ, स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या, हेल्थ टिप्स घरेलू नुस्खे

Post navigation

Previous Post: 2023 का Vision -Weight Manage कैसे करें
Next Post: स्वस्थ शरीर के लिए क्या करें?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • About Us
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Home
  • Privacy Policy
  • Sitemap
  • Terms and Conditions

Categories

  • Health
  • Money
  • Trending
  • Uncategorized
  • Ved Gyan
  • About Us
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Home
  • Privacy Policy
  • Sitemap
  • Terms and Conditions

Copyright © 2023 GyanPress.

Powered by PressBook WordPress theme