Alfred Schutz Theories, Short-Notes & MCQ 2025 || Read Now

Alfred Schutz (अल्फ्रेड शुट्ज़) एक प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई समाजशास्त्री और दार्शनिक थे जिन्होंने Phenomenological Sociology की नींव रखी। इन्होंने Edmund Husserl के Phenomenology को समाजशास्त्रीय विश्लेषण में प्रयोग किया और समझाया कि समाजिक यथार्थ को हम कैसे अनुभव करते हैं।

Alfred Schutz

जन्म और शिक्षा (Birth & Education)

🔹 जन्म: 13 अप्रैल 1899, वियना, ऑस्ट्रिया

🔹 मृत्यु: 20 मई 1959, न्यूयॉर्क, USA

🔹 शिक्षा: Doctorate in Law (University of Vienna)

🔹 प्रभाव: Edmund Husserl, Max Weber, William James

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मुख्य विचार और सिद्धांत (Main Theories of Alfred Schutz)

Phenomenological Sociology (प्रत्यात्मक समाजशास्त्र)

Alfred Schutz ने यह समझाने का प्रयास किया कि व्यक्ति अपने अनुभवों के माध्यम से सामाजिक दुनिया को कैसे अर्थ देता है।

मुख्य बिंदु:

Phenomenology in Sociology → समाजशास्त्र में प्रत्यात्मक दृष्टिकोण

Subjective Meaning → व्यक्ति द्वारा दी गई अर्थवत्ता

Social World Construction → सामाजिक दुनिया का निर्माण कैसे होता है

Lifeworld (Lebenswelt) — जीवन-जगत (लीबेन्सवेल्ट)

यह विचार बताता है कि हम जिस दुनिया में जीते हैं, वह हमारी day-to-day consciousness का हिस्सा होती है। Schutz इसे “taken for granted world” कहते हैं।

Intersubjectivity (अंतर-व्यक्तिपरकता)

Schutz का मानना था कि समूह में अर्थ का निर्माण आपसी समझ और साझे अनुभव के माध्यम से होता है।

Stock of Knowledge ज्ञान का भंडार

हर व्यक्ति अपने अनुभवों से एक ज्ञान का भंडार बनाता है जिसे वह नए अनुभवों को समझने के लिए उपयोग करता है।


Alfred Schutz की महत्वपूर्ण किताबें (Important Books)

पुस्तक प्रकाशन वर्ष

The Phenomenology of the Social World 1932
Collected Papers I, II, III (Posthumous) 1962–1966
Structures of the Life-World (with Thomas Luckmann) 1973


Alfred Schutz vs Max Weber

Weber ने Verstehen (समझ) की अवधारणा दी थी।

Schutz ने इसे और आगे बढ़ाया और व्यक्ति के आंतरिक अनुभवों पर बल दिया।


Alfred Schutz की सोच का प्रभाव (Impact on Sociology)

प्रतीकात्मक अन्तःक्रियावाद (Symbolic Interactionism)

नृविधिपद्धति (Ethnomethodology)

व्याख्यात्मक समाजशास्त्र (Interpretive Sociology)

बर्जर और लकमान (Berger & Luckmann) की प्रसिद्ध पुस्तक The Social Construction of Reality अल्फ्रेड शुट्ज़ के विचारों पर आधारित है।


अल्फ्रेड शुट्ज़ के 10 मुख्य बिंदु (Quick Revision Points)

  1. अल्फ्रेड शुट्ज़ एक प्रत्ययवादी समाजशास्त्री (Phenomenological Sociologist) थे।
  2. उन्होंने अपने सिद्धांतों पर Edmund Husserl के विचारों का गहरा प्रभाव स्वीकार किया।
  3. उन्होंने यह बताया कि लोग रोजमर्रा के अनुभवों से समाज को कैसे अर्थ प्रदान करते हैं।
  4. उन्होंने “Lifeworld (Lebenswelt)” की अवधारणा दी, जो आम जीवन की समझ को दर्शाती है।
  5. शुट्ज़ ने व्यक्तिगत अनुभव और सोच (subjective experience) को समाज के अध्ययन में केंद्रित किया।
  6. उन्होंने “ज्ञान का भंडार” (Stock of Knowledge) की संकल्पना दी, जो हर व्यक्ति के अनुभवों से बनता है।
  7. समाज को उन्होंने एक “साझा अर्थों की दुनिया” के रूप में देखा।
  8. उन्होंने Edmund Husserl और Max Weber के विचारों को जोड़ने का कार्य किया।
  9. उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है – The Phenomenology of the Social World (1932)
  10. उनके विचारों से बाद में Symbolic Interactionism, Ethnomethodology और Interpretive Sociology का विकास हुआ।

Alfred Schutz MCQs

Alfred Schutz के 10 महत्वपूर्ण MCQs (Hindi + English)

Q1. अल्फ्रेड शुट्ज़ किस प्रकार की समाजशास्त्र को आगे बढ़ाते हैं?
What type of sociology did Alfred Schutz develop?

✔ Schutz ने व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित प्रत्ययात्मक समाजशास्त्र (Phenomenological Sociology) को आगे बढ़ाया।

Q2. “Stock of Knowledge” का अर्थ क्या है?
What does “Stock of Knowledge” mean?

✔ यह वह ज्ञान है जो व्यक्ति के अनुभवों और समाज से मिलता है, और वही उसकी सोच को प्रभावित करता है।

Q3. Schutz की Lifeworld अवधारणा में “Taken for Granted” का क्या अर्थ है?
What does “Taken for Granted” mean in Schutz’s Lifeworld?

✔ “Taken for Granted” का मतलब है – वे बातें जो हम रोजमर्रा के जीवन में बिना सोच समझे मान लेते हैं।

Q4. Alfred Schutz किस दार्शनिक से प्रभावित थे?
Who influenced Alfred Schutz’s thought the most?

✔ Schutz का कार्य Edmund Husserl की प्रत्ययवाद (phenomenology) पर आधारित था।

Q5. Schutz का “Intersubjectivity” से क्या तात्पर्य है?
What does Schutz mean by “Intersubjectivity”?

✔ Schutz के अनुसार, सामाजिक अर्थ का निर्माण लोगों के साझा अनुभवों के माध्यम से होता है।

Q6. Schutz ने Weber की किस अवधारणा को आगे बढ़ाया?
Which concept of Weber did Schutz extend?

✔ Schutz ने Weber के Verstehen (समझना) की अवधारणा को और अधिक गहराई से समझाया।

Q7. Schutz की सोच का प्रभाव किस सिद्धांत पर पड़ा?
Schutz’s thought influenced which theory?

✔ Schutz की विचारधारा Symbolic Interactionism पर आधारित रही है।

Q8. Schutz किस प्रकार के समाज को प्राथमिक मानते थे?
What type of society did Schutz focus on?

✔ Schutz रोजमर्रा के अनुभवों के आधार पर समाज को समझने का प्रयास करते थे।

Q9. Schutz का कार्य किस क्षेत्र को बढ़ावा देता है?
Schutz’s work contributes to which area?

✔ Schutz का कार्य Interpretive Sociology को मजबूत करता है।

Q10. Berger & Luckmann की “The Social Construction of Reality” किससे प्रभावित है?
Whose ideas influenced Berger & Luckmann’s “The Social Construction of Reality”?

✔ यह Schutz की Intersubjectivity और Lifeworld की अवधारणाओं पर आधारित है।

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❓ FAQs on Alfred Schutz

Q1. Alfred Schutz किस विचारधारा से जुड़े थे?

उत्तर: वह प्रत्ययवाद (Phenomenology) से जुड़े थे और उन्होंने समाजशास्त्र में इसका प्रयोग किया।

Q2. Lifeworld का क्या अर्थ है?

उत्तर: यह उस सामान्य दुनिया को दर्शाता है जिसे हम बिना सवाल किए जीते हैं और अनुभव करते हैं।

Q3. Schutz ने Weber से क्या सीखा?

उत्तर: उन्होंने Weber की Verstehen पद्धति को अपनाया और उसे subjective अर्थ की ओर मोड़ा।

Q4. Schutz की कौन-सी किताब सबसे प्रसिद्ध है?

उत्तर: The Phenomenology of the Social World (1932)

Q5. Schutz के सिद्धांतों का आधुनिक समाजशास्त्र में क्या योगदान है?

उत्तर: उन्होंने symbolic interactionism, ethnomethodology और interpretive sociology की नींव तैयार की।


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