A.R. Desai Short Notes And MCQ || Read Now

A.R. Desai :- Notes

ए.आर. देसाई (A.R. Desai) भारतीय समाजशास्त्र के उन प्रमुख विद्वानों में से एक हैं, जिन्होंने भारत में समाजशास्त्र को मार्क्सवादी दृष्टिकोण (Marxist Perspective) से जोड़ा। भारतीय समाजशास्त्र में जहाँ अधिकांश प्रारंभिक विद्वान (जैसे – जी.एस. घुर्ये, एम.एन. श्रीनिवास) संरचनात्मक-कार्यात्मक (Structural-Functional) दृष्टिकोण से अध्ययन कर रहे थे, वहीं ए.आर. देसाई ने भारतीय समाज का विश्लेषण भौतिकवादी ऐतिहासिक दृष्टिकोण से किया।
उनका मानना था कि भारतीय समाज को समझने के लिए वर्ग-संघर्ष, आर्थिक संरचना, औद्योगीकरण और साम्राज्यवाद जैसे तत्वों का विश्लेषण करना ज़रूरी है।

A.R. Desai

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जीवन परिचय (Biography)

पूरा नाम: अक्षय रमणलाल देसाई (A.R. Desai)

जन्म: 1915, भारत

मृत्यु: 1994

उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और बाद में वहीं समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर बने।

देसाई भारतीय समाजशास्त्र में मार्क्सवादी समाजशास्त्र (Marxist Sociology in India) के संस्थापक माने जाते हैं।

उन्होंने जीवन भर भारतीय समाज की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संरचना का विश्लेषण किया।


मुख्य योगदान (Main Contributions)

  1. भारतीय समाज का मार्क्सवादी विश्लेषण

देसाई का मानना था कि समाज को समझने के लिए केवल रीति-रिवाज, जाति और परंपरा का अध्ययन पर्याप्त नहीं है।

असली विश्लेषण तभी संभव है जब समाज की आर्थिक संरचना (Economic Structure), उत्पादन संबंध (Relations of Production) और वर्ग विभाजन (Class Division) को समझा जाए।

उन्होंने दिखाया कि भारतीय समाज पर साम्राज्यवाद (Imperialism) और औपनिवेशिक शासन का गहरा प्रभाव पड़ा।


  1. Indian Social Background of Indian Nationalism (1954)

यह उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक है। इसमें उन्होंने कहा:

भारतीय राष्ट्रवाद केवल सांस्कृतिक आंदोलन नहीं था, बल्कि इसके पीछे आर्थिक और सामाजिक कारण थे।

औद्योगिकीकरण और ब्रिटिश साम्राज्यवाद ने भारतीय समाज में नए वर्ग पैदा किए –

औद्योगिक मजदूर वर्ग

पूँजीपति वर्ग

मध्यवर्ग

इन वर्गों ने अपने-अपने हितों के लिए राष्ट्रवादी आंदोलन में भाग लिया।

इस पुस्तक ने दिखाया कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन = वर्ग संघर्षों का परिणाम था।


  1. Agrarian Relations in India (1969)

देसाई ने भारतीय ग्रामीण समाज का विश्लेषण किया और बताया कि यहाँ भूमि संबंध (Land Relations) बहुत असमान थे।

जमींदार, साहूकार और पूँजीवादी वर्ग गाँव के किसानों का शोषण करते थे।

उनका कहना था कि भारतीय कृषि क्षेत्र में भी वर्ग-संघर्ष (Class Struggle) देखने को मिलता है।


  1. Modernization and Development Studies

देसाई ने आधुनिक भारत में विकास (Development) और आधुनिकीकरण (Modernization) का अध्ययन किया।

उनका मानना था कि विकास का अर्थ केवल तकनीकी प्रगति नहीं है, बल्कि यह समाज के वर्गीय ढांचे और सत्ता संरचना को भी प्रभावित करता है।

उन्होंने भारत के विकास मॉडल की आलोचना की और कहा कि यह गरीबी हटाने की बजाय असमानता बढ़ा रहा है।


  1. Marxist Sociology in India

उन्होंने भारतीय समाजशास्त्र में मार्क्सवादी दृष्टिकोण को संस्थागत रूप दिया।

उनके अनुसार, भारतीय समाज का अध्ययन किए बिना साम्राज्यवाद, पूँजीवाद और वर्ग संघर्षों को समझना अधूरा है।

उनके विचारों ने भारत में समाजशास्त्र को एक नया क्रांतिकारी मोड़ दिया।


A.R. Desai की प्रमुख पुस्तकें (Major Works)

  1. Indian Social Background of Indian Nationalism (1954)
  2. Social Background of Indian Nationalism (संशोधित संस्करण)
  3. Agrarian Relations in India (1969)
  4. Peasant Struggles in India (1979)
  5. State and Society in India: Essays in Dissent (1975)
  6. Rural Sociology in India (1948)

A.R. Desai का दृष्टिकोण (Perspective)

मार्क्सवादी दृष्टिकोण – भारतीय समाज का विश्लेषण वर्गीय आधार पर किया।

ऐतिहासिक भौतिकवाद (Historical Materialism) – समाज का हर परिवर्तन उत्पादन संबंधों और आर्थिक संरचना से जुड़ा है।

औपनिवेशिक भारत का विश्लेषण – ब्रिटिश शासन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे बदला, इसका गहन अध्ययन।

विकास की आलोचना – भारतीय विकास मॉडल गरीबों के बजाय पूँजीपतियों को लाभ पहुँचाता है।


A.R. Desai और अन्य समाजशास्त्रियों से तुलना

M.N. Srinivas → जाति और परंपरा पर ध्यान, लेकिन देसाई ने कहा आर्थिक संरचना को भी देखना ज़रूरी है।

G.S. Ghurye → सांस्कृतिक समाजशास्त्र, जबकि देसाई → मार्क्सवादी समाजशास्त्र।

देसाई ने भारतीय समाजशास्त्र को सांस्कृतिक अध्ययन से वर्गीय विश्लेषण की ओर मोड़ा।


A.R. Desai की आलोचनाएँ (Criticism)

  1. कुछ विद्वानों का मानना है कि उन्होंने आर्थिक कारकों को ज़रूरत से ज़्यादा महत्व दिया।
  2. उनके विश्लेषण में जाति, धर्म और संस्कृति जैसे पहलुओं की उपेक्षा की गई।
  3. उनका दृष्टिकोण कभी-कभी कट्टर मार्क्सवादी माना गया।


महत्व (Importance of A.R. Desai’s Contribution)

भारतीय समाजशास्त्र में मार्क्सवादी दृष्टिकोण को स्थापित किया।

राष्ट्रवाद, ग्रामीण समाज और विकास पर नई सोच दी।

आज भी उनके विचार ग्रामीण असमानता, किसान आंदोलन, विकास नीतियों की आलोचना में प्रासंगिक हैं।


Quick Revision (संक्षिप्त पुनरावृत्ति)

A.R. Desai → भारतीय समाजशास्त्र के मार्क्सवादी विद्वान।

मुख्य पुस्तक → Indian Social Background of Indian Nationalism (1954)।

दृष्टिकोण → ऐतिहासिक भौतिकवाद और वर्ग-संघर्ष पर आधारित।

ग्रामीण समाज, राष्ट्रवाद और विकास का मार्क्सवादी विश्लेषण किया।

भारतीय समाजशास्त्र को सांस्कृतिक से वर्गीय दृष्टिकोण की ओर मोड़ा।


10 महत्वपूर्ण बिंदु (10 Key Points on A.R. Desai)

  1. भारत में मार्क्सवादी समाजशास्त्र के संस्थापक।
  2. राष्ट्रवाद का वर्ग-संघर्ष आधारित विश्लेषण।
  3. ग्रामीण समाज में जमींदारों द्वारा शोषण पर प्रकाश।
  4. विकास मॉडल की आलोचना।
  5. वर्ग विभाजन और साम्राज्यवाद पर जोर।
  6. समाज को ऐतिहासिक भौतिकवाद से समझने का प्रयास।
  7. उनकी किताब Indian Social Background of Indian Nationalism सबसे प्रसिद्ध।
  8. अन्य विद्वानों से अलग → जाति/संस्कृति की बजाय वर्गीय संरचना पर ध्यान।
  9. किसान आंदोलनों और ग्रामीण असमानताओं का अध्ययन।
  10. उनके विचार आज भी सामाजिक असमानता को समझने में प्रासंगिक हैं।

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A. R. Desai – Sociology MCQ (Hindi)

A. R. Desai – MCQ (Hindi)

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1) A. R. Desai का समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण मुख्यतः किस पर आधारित है?
2) देसाई के अनुसार भारतीय राष्ट्रवाद को समझने की कुँजी क्या है?
3) “किसान आंदोलनों” को देसाई किस रूप में देखते हैं?
4) देसाई के कार्य में “औपनिवेशिकता (Colonialism)” का विश्लेषण किस पर केन्द्रित है?
5) देसाई “विकास (Development)” की किस प्रकार आलोचना करते हैं?
6) देसाई की पद्धति (Method) को कौन-सा विकल्प सर्वोत्तम दर्शाता है?
7) देसाई के अनुसार ‘ग्रामीण सत्ता’ (Rural Power) का केन्द्र कहाँ है?
8) देसाई राष्ट्रवाद में ‘मध्यमवर्ग’ (Middle Class) की भूमिका कैसे देखते हैं?
9) “राज्य” (State) के बारे में देसाई की दृष्टि क्या है?
10) देसाई ‘Agrarian Relations’ का विश्लेषण किस धुरी पर रखते हैं?

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