G.S. Ghurye Short Notes And MCQ || Read Now

जी.एस. घुर्ये (G.S. Ghurye) – Notes & MCQ

G.S. Ghurye (Govind Sadashiv Ghurye, 1893–1983) भारत के समाजशास्त्र के “जनक” (Father of Indian Sociology) कहे जाते हैं। उन्होंने भारतीय समाज के अध्ययन को वैज्ञानिक और अकादमिक दृष्टिकोण प्रदान किया। घुर्ये भारतीय परंपरा, जाति व्यवस्था, संस्कृति, जनजाति और सामाजिक परिवर्तन पर गहन अध्ययन के लिए प्रसिद्ध हैं।

G.S. Ghurye

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जीवन परिचय

जन्म: 12 दिसंबर 1893, मालवान (महाराष्ट्र)

शिक्षा: बी.ए. (साहित्य), फिर इंग्लैंड जाकर कैंब्रिज विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र का अध्ययन।

मार्गदर्शक: W.H.R. Rivers और A.C. Haddon (Anthropology से जुड़े विद्वान)

1924 में बॉम्बे विश्वविद्यालय (अब मुंबई) में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना कराई।

1959 तक वह विभागाध्यक्ष रहे।

निधन: 1983


प्रमुख योगदान

  1. जाति (Caste) का अध्ययन

घुर्ये का सबसे बड़ा योगदान भारतीय जाति व्यवस्था पर गहन अध्ययन है।
उन्होंने जाति को केवल “धार्मिक” नहीं बल्कि “सामाजिक संस्था” बताया।
उनके अनुसार जाति के छह मुख्य लक्षण हैं:

  1. जातीय विभाजन (Segmental division)
  2. पदानुक्रम (Hierarchy)
  3. प्रतिबंधित भोजन (Food restrictions)
  4. सामाजिक संबंधों की सीमाएँ (Restrictions on social relations)
  5. व्यवसाय का वंशानुगत स्वरूप (Hereditary occupation)
  6. सामाजिक बहिष्कार (Social exclusion)

➡️ इस कारण घुर्ये को Caste Studies के Pioneer माना जाता है।


  1. जनजाति और संस्कृतिकरण (Tribe and Sanskritization)

उन्होंने भारतीय जनजातियों (Tribes) का अध्ययन किया और दिखाया कि वे “अलग” नहीं बल्कि “हिंदू समाज का हिस्सा” हैं।

उन्होंने बताया कि कई जनजातियाँ धीरे-धीरे संस्कृतिकरण (Sanskritization) की प्रक्रिया से हिंदू समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाती हैं।

इस दृष्टिकोण की बाद में एम.एन. श्रीनिवास ने और गहराई से व्याख्या की।


  1. भारतीय संस्कृति और परंपरा

घुर्ये ने भारतीय संस्कृति की विविधताओं को स्वीकारते हुए इसे एक एकीकृत संपूर्णता बताया।

उनके अनुसार भारत की सांस्कृतिक एकता संस्कृति की समानता और धार्मिक परंपराओं पर आधारित है।

उन्होंने जाति, जनजाति और क्षेत्रीय परंपराओं को “सांस्कृतिक मोज़ेक” कहा।


  1. नगरीकरण (Urbanization)

घुर्ये ने नगरीकरण को केवल “आर्थिक” नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया माना।

उनके अनुसार, भारत के शहर सांस्कृतिक विविधता और जातीय संबंधों का मिश्रण हैं।


  1. सामाजिक परिवर्तन (Social Change)

घुर्ये का मानना था कि भारत में सामाजिक परिवर्तन पारंपरिक संस्थाओं और आधुनिक संस्थाओं के बीच संतुलन से होता है।

उन्होंने “संस्कृतिकरण” और “पश्चिमीकरण” को समाज परिवर्तन की मुख्य प्रक्रियाएँ बताया।


  1. परिवार और विवाह (Family & Marriage)

घुर्ये ने भारतीय परिवार को “संयुक्त परिवार” की परंपरा में समझा।

उनके अनुसार भारतीय परिवार सामाजिक एकता का मुख्य आधार है।

विवाह को उन्होंने “धार्मिक-सामाजिक संस्था” माना।


  1. राष्ट्रवाद और एकता (Nationalism & Integration)

घुर्ये भारतीय राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक थे।

उन्होंने भारत की विविधताओं के बीच “एकता” की अवधारणा को समाजशास्त्रीय रूप से प्रस्तुत किया।


प्रमुख पुस्तकें (Books by G.S. Ghurye)

  1. Caste and Race in India (1932)
  2. The Aborigines – So-called and their Future (1943)
  3. Culture and Society (1947)
  4. Indian Sadhus (1953)
  5. Family and Kin in Indo-European Culture (1955)
  6. Cities and Civilization (1962)
  7. Social Tensions in India (1968)
  8. Whither India? (1974)
  9. Society and Culture in India (1977)

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जी.एस. घुर्ये के 10 महत्वपूर्ण बिंदु

  1. भारत में समाजशास्त्र को स्थापित करने वाले पहले विद्वानों में से एक।
  2. जाति (Caste) पर गहन अध्ययन और “छह लक्षण” की व्याख्या।
  3. जनजातियों को मुख्यधारा समाज का हिस्सा मानने वाला दृष्टिकोण।
  4. “संस्कृतिकरण” की अवधारणा का प्रारंभिक स्वरूप दिया।
  5. भारतीय संस्कृति को “सांस्कृतिक एकता” की दृष्टि से समझा।
  6. नगरीकरण और आधुनिकता के समाजशास्त्रीय पहलुओं का अध्ययन।
  7. भारतीय परिवार और विवाह संस्था पर समाजशास्त्रीय दृष्टि।
  8. समाज परिवर्तन को पारंपरिक और आधुनिक शक्तियों के बीच संतुलन बताया।
  9. बॉम्बे विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना (1924)।
  10. भारतीय समाजशास्त्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित किया
G.S. Ghurye – Sociology MCQ (Hindi)

G.S. Ghurye – Sociology MCQ (Hindi)

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1) G.S. Ghurye की प्रसिद्ध पुस्तक Caste and Race in India कब प्रकाशित हुई?
2) घुर्ये ने जाति के लक्षणों में से किसे प्रमुख माना?
3) जनजातियों के बारे में घुर्ये का दृष्टिकोण क्या था?
4) ‘संस्कृतिकरण’ (Sanskritization) की अवधारणा का व्यवस्थित प्रतिपादन किसने किया, जिसे घुर्ये के विचारों से प्रेरणा मिली?
5) बॉम्बे (मुंबई) विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना घुर्ये ने किस वर्ष कराई?
6) घुर्ये पर निम्न में से किस मानवविज्ञानी का प्रभाव विशेष रूप से माना जाता है?
7) घुर्ये की पुस्तक Indian Sadhus का प्रकाशन वर्ष क्या है?
8) घुर्ये ने नगरीकरण को मुख्यतः किस रूप में समझा?
9) घुर्ये के अनुसार भारतीय परिवार का कौन-सा रूप सामाजिक एकता का महत्त्वपूर्ण आधार है?
10) घुर्ये ने जाति के कुल कितने प्रमुख लक्षण बताए?

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