M. N. Srinivas Short Notes And MCQ || Read Now

M. N. Srinivas:- Sociology

M. N. Srinivas (Mysore Narasimhachar Srinivas, 1916–1999) भारतीय समाजशास्त्र के एक महान विद्वान थे। उन्हें ग्रामीण समाज, जाति (Caste), संस्कृतिकरण (Sanskritization) और पश्चिमीकरण (Westernization) जैसे सिद्धांतों के लिए विश्वभर में जाना जाता है। उन्होंने भारत के समाजशास्त्र को पश्चिमी दृष्टिकोण से हटाकर भारतीय धरातल पर खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई।

M. N. Srinivas

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जीवन परिचय

जन्म: 16 नवंबर 1916, मैसूर (कर्नाटक)

शिक्षा:

बी.ए. (मैसूर विश्वविद्यालय)

एम.ए. (बॉम्बे विश्वविद्यालय)

डी.फिल. (ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय – प्रो. A. R. Radcliffe-Brown के निर्देशन में)

निधन: 30 मई 1999, बेंगलुरु


प्रमुख कृतियाँ (Books by M. N. Srinivas)

Marriage and Family in Mysore (1942)

Religion and Society among the Coorgs of South India (1952)

Caste in Modern India and Other Essays (1962)

Social Change in Modern India (1966)

The Remembered Village (1976)

India: Social Structure (1980)

On Living in a Revolution and Other Essays (1992)

Village, Caste, Gender and Method (1998)


समाजशास्त्रीय योगदान

(A) जाति (Caste)

एम.एन. श्रीनिवास ने जाति को स्थिर और अपरिवर्तनीय न मानकर, बदलने वाली सामाजिक संस्था बताया। उनके अनुसार जाति में Social Mobility (सामाजिक गतिशीलता) होती है, और यह परिवर्तन मुख्यतः दो प्रक्रियाओं से होता है: संस्कृतिकरण और पश्चिमीकरण।


(B) संस्कृतिकरण (Sanskritization)

परिभाषा:
निम्न जातियों द्वारा उच्च जातियों के रीति-रिवाज, जीवन-शैली, संस्कार और आचार-व्यवहार को अपनाने की प्रक्रिया को संस्कृतिकरण कहते हैं।

उदाहरण:

शराब छोड़ना

शाकाहार अपनाना

उच्च जातियों जैसे ब्राह्मणों के धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करना

👉 इससे निम्न जातियों की सामाजिक स्थिति ऊँची मानी जाने लगती है।


(C) पश्चिमीकरण (Westernization)

परिभाषा:
जब भारतीय समाज ने ब्रिटिश शासन और आधुनिक पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित होकर शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, लोकतंत्र, समानता और न्याय जैसे मूल्यों को अपनाया, तो इसे पश्चिमीकरण कहा गया।

विशेषताएँ:

अंग्रेजी शिक्षा

आधुनिक कानून

आधुनिक चिकित्सा

महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता

लोकतंत्र और आधुनिक राजनीति


(D) ग्रामीण भारत का अध्ययन

एम.एन. श्रीनिवास ने ग्रामीण भारत को समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से समझने पर विशेष बल दिया।

उन्होंने गांव को केवल कृषि-आधारित इकाई नहीं माना, बल्कि उसे एक सामाजिक-सांस्कृतिक प्रयोगशाला कहा।

अपनी प्रसिद्ध पुस्तक The Remembered Village (1976) में उन्होंने दक्षिण भारत के रेम्पुरा गांव का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया।


(E) “Dominant Caste” (प्रभुत्वशाली जाति)

उन्होंने बताया कि किसी गांव या क्षेत्र में ऐसी जाति होती है जो:

  1. आर्थिक रूप से सम्पन्न होती है (भूमि-संपत्ति)
  2. राजनीतिक प्रभाव रखती है
  3. सामाजिक स्तर पर सम्मानित होती है

👉 इस जाति को उन्होंने “Dominant Caste” कहा।


(F) “Caste and Social Mobility”

श्रीनिवास ने जाति को हमेशा स्थिर मानने वाले विचार को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था में ऊर्ध्व गतिशीलता (upward mobility) और परिवर्तन संभव है।


भारतीय समाज पर उनके विचार

भारतीय समाज स्थिर नहीं है, बल्कि लगातार बदल रहा है।

शिक्षा, लोकतंत्र, शहरीकरण, औद्योगीकरण और पश्चिमी मूल्यों से जाति व्यवस्था में ढील आई है।

गाँव भारतीय समाज की मूल इकाई है, लेकिन गाँव भी बदल रहा है।


आलोचना (Criticism)

संस्कृतिकरण केवल हिंदू समाज पर लागू होता है, अन्य धर्मों पर नहीं।

यह सिद्धांत जाति व्यवस्था के शोषणकारी पहलुओं की अनदेखी करता है।

पश्चिमीकरण पर अत्यधिक जोर देने से भारतीय परंपरागत मूल्यों का महत्व कम आँका गया।


महत्व

एम.एन. श्रीनिवास ने समाजशास्त्र को भारतीय वास्तविकताओं से जोड़ा। उन्होंने भारतीय समाज की जटिलताओं को समझने के लिए ठोस सिद्धांत दिए, जिनका महत्व आज भी बना हुआ है।



त्वरित पुनरावृत्ति (Quick Revision)

संस्कृतिकरण = निम्न जातियाँ उच्च जातियों की परंपराएँ अपनाती हैं।

पश्चिमीकरण = पश्चिमी शिक्षा, कानून और आधुनिक मूल्य अपनाना।

Dominant Caste = किसी गांव की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से शक्तिशाली जाति।

जाति व्यवस्था = स्थिर नहीं, बल्कि बदलने वाली संरचना।

गांव = भारतीय समाज की प्रयोगशाला।


10 महत्वपूर्ण बिंदु (10 Key Points)

एम.एन. श्रीनिवास का जन्म 1916 में मैसूर में हुआ।

उन्होंने ऑक्सफोर्ड से समाजशास्त्र की पढ़ाई की।

Religion and Society among the Coorgs (1952) उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है।

उन्होंने “संस्कृतिकरण” की अवधारणा दी।

“पश्चिमीकरण” की अवधारणा भी उन्होंने प्रस्तुत की।

“Dominant Caste” का विचार उन्हीं का था।

The Remembered Village (1976) ग्रामीण भारत पर उनकी उत्कृष्ट कृति है।

उन्होंने कहा – जाति व्यवस्था गतिशील है।

भारतीय समाज में शिक्षा और लोकतंत्र परिवर्तन के बड़े कारक हैं।

1999 में उनका निधन हुआ।

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M. N. Srinivas – Sociology MCQ (Hindi)

M. N. Srinivas – MCQ (Hindi)

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1) “Sanskritization” का आशय क्या है?
2) “Westernization” में कौन-सा तत्व प्रमुख है?
3) “Dominant Caste” की पहचान के लिए कौन-सा संयोजन उचित है?
4) M. N. Srinivas की पुस्तक “Religion and Society among the Coorgs of South India” किस वर्ष प्रकाशित हुई?
5) “The Remembered Village” (रेम्पुरा अध्ययन) का प्रकाशन वर्ष क्या है?
6) “Caste in Modern India and Other Essays” किस विषय पर केंद्रित है?
7) “Social Change in Modern India” (1966) में परिवर्तन के किस कारक पर विशेष बल है?
8) “Dominant Caste” की विशेषताओं में से कौन-सी अक्सर आवश्यक मानी जाती है?
9) “Marriage and Family in Mysore” (1942) का मुख्य फोकस क्या है?
10) निम्न में से कौन-सा कथन M. N. Srinivas के जाति-बोध के दृष्टिकोण के अनुरूप है?

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