R.K. Merton का परिचय (Introduction)
पूरा नाम: रॉबर्ट किंग मर्टन (Robert King Merton)
जन्म: 4 जुलाई, 1910 – निधन: 23 फरवरी, 2003
R.K. Merton 20वीं सदी के प्रमुख अमेरिकी समाजशास्त्री थे जिन्होंने संरचनात्मक कार्यात्मकतावाद (Structural Functionalism) को नई दिशा दी। उन्होंने Middle Range Theory, Anomie Theory, Role Theory और Manifest & Latent Functions जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाएं दीं।
मर्टन का मानना था कि समाजशास्त्र को केवल सिद्धांतिक नहीं होना चाहिए, बल्कि वास्तविक जीवन के सामाजिक अनुभवों से भी जुड़ा होना चाहिए। इसलिए उन्होंने Grand Theory के स्थान पर Middle Range Theory का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने ‘Self-Fulfilling Prophecy’ की अवधारणा दी, जिसमें बताया कि समाज में कैसे झूठी धारणाएँ भी सच हो सकती हैं यदि लोग वैसा ही व्यवहार करें।
उन्होंने समाजशास्त्र में Scientific Approach को बढ़ावा दिया और समाजशास्त्रीय अनुसंधान के क्षेत्र में भी गहरा योगदान दिया।
प्रमुख पुस्तक: Social Theory and Social Structure (1949) – इस पुस्तक में उन्होंने अपनी अधिकांश प्रसिद्ध अवधारणाएं प्रस्तुत कीं।
1. वैज्ञानिक समाजशास्त्र और मध्य-स्तरीय सिद्धांत (Middle Range Theories)
पुस्तक: Social Theory and Social Structure (1949)
2. अनोमी सिद्धांत (Anomie Theory)
3. सामाजिक संरचना और विचलन (Social Structure and Deviance)
4. भूमिका-सिद्धांत (Role Theory)
5. प्रकट और गुप्त कार्य (Manifest and Latent Functions)
6. Self-Fulfilling Prophecy
7. Reference Group Theory
मुख्य पुस्तकें (Books by R.K. Merton)
- Social Theory and Social Structure (1949)
- Sociology of Science (1973)
- On Theoretical Sociology
सारांश (Summary)
R.K. Merton: JNM से लेकर सभी टॉपिक्स + PYQs (व्याख्या सहित)
1. Middle Range Theory (मध्य स्तरीय सिद्धांत)
R.K. Merton ने कहा कि समाजशास्त्र को Grand Theory की बजाय ऐसे सिद्धांतों की आवश्यकता है जो अनुभवजन्य शोध से जुड़े हों। इन्हें Middle Range Theories कहा गया।
उदाहरण: Anomie Theory, Role Theory, Reference Group Theory
R.K. Merton’s concept of “Middle Range Theory” is aimed to:
a) Replace grand theory
b) Explain total society
c) Link empirical research and theory
d) Support Marxism
व्याख्या: मर्टन का उद्देश्य था कि समाजशास्त्र में छोटे-छोटे अनुभवजन्य प्रमाणों पर आधारित व्यावहारिक सिद्धांत विकसित किए जाएं।
2. Anomie Theory
Merton ने Durkheim की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए बताया कि जब सामाजिक लक्ष्य और उन्हें प्राप्त करने के वैध साधन असमान हो जाते हैं, तो व्यक्ति विचलन की ओर बढ़ता है।
पांच अनुकूलन प्रकार: Conformity, Innovation, Ritualism, Retreatism, Rebellion
In Merton’s theory, which mode of individual adaptation involves acceptance of goals but rejection of institutional means?
a) Ritualism
b) Innovation
c) Rebellion
d) Retreatism
व्याख्या: Innovation में व्यक्ति सामाजिक लक्ष्यों को तो मानता है, लेकिन उन्हें पाने के वैध साधनों को नकारता है और वैकल्पिक (अवैध) तरीकों को अपनाता है।
3. Role Theory & Role Set
Merton ने बताया कि एक व्यक्ति की एक से अधिक भूमिकाएँ होती हैं जिन्हें Role Set कहा जाता है। इससे Role Conflict और Role Strain उत्पन्न होता है।
Who introduced the concept of “Role Set”?
a) Talcott Parsons
b) Erving Goffman
c) R.K. Merton
d) G.H. Mead
व्याख्या: मर्टन ने “Role Set” की अवधारणा दी जिसमें एक ही सामाजिक स्थिति से जुड़ी कई भूमिकाएँ शामिल होती हैं।
4. Manifest and Latent Functions
Merton ने सामाजिक कार्यों को दो भागों में बाँटा: Manifest (प्रत्यक्ष) और Latent (अप्रत्यक्ष) कार्य।
उदाहरण: स्कूल का प्रत्यक्ष उद्देश्य शिक्षा देना है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से वह अनुशासन भी सिखाता है।
The unintended and unrecognized function of a social structure is called:
a) Dysfunction
b) Manifest Function
c) Latent Function
d) Functional Autonomy
व्याख्या: Latent Functions वे होते हैं जो अनजाने और अप्रत्यक्ष रूप से समाज में प्रभाव डालते हैं।
5. Self-Fulfilling Prophecy
यदि किसी झूठ को बार-बार सत्य के रूप में स्वीकार किया जाए, तो वह अंततः वैसा ही परिणाम उत्पन्न कर सकता है।
उदाहरण: “यह छात्र कमजोर है” – बार-बार कहने पर छात्र सच में कमजोर प्रदर्शन करने लगेगा।
“A false definition of the situation evoking a new behavior which makes the originally false conception come true.” This defines:
a) Looking glass self
b) Anomie
c) Self-fulfilling prophecy
d) Impression management
व्याख्या: यह अवधारणा बताती है कि जब किसी स्थिति को झूठा मानते हुए भी उस पर विश्वास किया जाता है, तो वह सच साबित हो सकती है।
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R.K. Merton Hard MCQs (Hindi + English)
Q1. Chronologically, arrange the following works of R.K. Merton.
कालानुक्रम में R.K. Merton की रचनाओं को व्यवस्थित करें:
Q2. Which concept was coined by Merton?
कौन-सा सिद्धांत Merton द्वारा प्रतिपादित किया गया था?
Q3. Which best describes Merton’s strain theory?
Merton के तनाव सिद्धांत को सबसे अच्छे से क्या दर्शाता है?
Q4. Which adaptation mode accepts goals but rejects means?
कौन-सा प्रकार लक्ष्य को स्वीकार करता है लेकिन साधनों को अस्वीकार करता है?
Q5. What does ‘middle range theory’ focus on?
‘मध्य स्तरीय सिद्धांत’ किस पर केंद्रित होता है?
Q6. Which concept is NOT associated with Merton?
निम्न में से कौन-सा सिद्धांत Merton से संबंधित नहीं है?
Q7. Merton’s paradigm of deviance includes how many modes?
Merton के विचलन प्रतिमान में कितने प्रकार होते हैं?
Q8. The term “Role-set” was introduced in:
“Role-set” शब्द किसने और किस लेख में प्रस्तुत किया?
Q9. Manifest and Latent functions are used to:
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कार्यों का उद्देश्य है:
Q10. Merton was a student of:
Merton किसके शिष्य थे?
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Join Telegram Group Join WhatsApp GroupR.K. Merton के 10 महत्वपूर्ण बिंदु
- पूरा नाम: रॉबर्ट किंग मर्टन (Robert King Merton)
- प्रसिद्ध सिद्धांत: Middle Range Theory — समाजशास्त्रीय विश्लेषण के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण।
- मुख्य अवधारणा: अनॉमी सिद्धांत (Anomie Theory) — जब सामाजिक लक्ष्य और साधन में अंतर हो।
- Manifest और Latent Functions: एक ही क्रिया के स्पष्ट और अप्रत्यक्ष प्रभावों को समझाया।
- Strain Theory: सामाजिक दबाव के कारण अपराध की संभावना।
- Reference Group Theory: लोग अपने व्यवहार की तुलना दूसरों से करते हैं।
- Role Set का विचार: एक व्यक्ति एक ही समय में कई भूमिकाएं निभाता है।
- सकारात्मक और नकारात्मक कार्य: समाज में क्रियाओं के दो पहलू।
- नव-कार्यक्षमता (Neo-functionalism): पार्सन्स के कार्यात्मकतावाद को आगे बढ़ाया।
- प्रभाव: अमेरिकी समाजशास्त्र को एक नई दिशा दी, Merton को “The Father of Middle-Range Theory” कहा गया।
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R.K. Merton – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
❓Q1: R.K. Merton कौन थे?
उत्तर: R.K. Merton एक प्रसिद्ध अमेरिकी समाजशास्त्री थे जो Functionalism और Middle Range Theory के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने समाजशास्त्रीय सिद्धांतों को व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझाया।
❓Q2: Merton की Middle Range Theory क्या है?
उत्तर: यह एक ऐसी अवधारणा है जो समाज के किसी विशेष हिस्से या समस्या पर केंद्रित होती है — जैसे अपराध, शिक्षा, या कार्य-भूमिका। यह बहुत अधिक व्यापक या सूक्ष्म सिद्धांतों के बीच का पुल बनाती है।
❓Q3: Anomie का मतलब क्या है और इसका संबंध किससे है?
उत्तर: Anomie का अर्थ है सामाजिक नियमों की अनुपस्थिति या टूटना। Merton ने इसे समझाने के लिए बताया कि जब लोगों के पास लक्ष्य होते हैं पर उन्हें पाने के वैध साधन नहीं होते, तब वे तनाव (strain) में आकर नियम तोड़ सकते हैं।
❓Q4: Manifest और Latent Functions में क्या अंतर है?
उत्तर:
Manifest Functions (स्पष्ट कार्य): जो कार्य जानबूझकर और स्पष्ट रूप से किया जाता है।
Latent Functions (गुप्त कार्य): जो अनजाने में और अप्रत्यक्ष रूप से होता है।
उदाहरण: स्कूल का manifest function शिक्षा देना है, लेकिन latent function दोस्ती और सामाजिक व्यवहार सीखना हो सकता है।
❓Q5: R.K. Merton का समाजशास्त्र में क्या योगदान है?
उत्तर: Merton ने समाजशास्त्र को व्यवहारिक, शोध-आधारित और संरचनात्मक दृष्टिकोण से मजबूत किया। उनकी Middle Range Theory और Role Set जैसे विचार आज भी समाजशास्त्र में उपयोग किए जाते हैं।
❓Q6: क्या Merton का कार्य केवल अमेरिका तक सीमित था?
उत्तर: नहीं, उनके विचार पूरी दुनिया में पढ़ाए जाते हैं और UGC NET जैसे परीक्षाओं में भी बार-बार पूछे जाते हैं।
❓Q7: Merton की Reference Group Theory क्या है?
उत्तर: यह सिद्धांत कहता है कि लोग अपने व्यवहार की तुलना उन समूहों से करते हैं जिन्हें वे अपना आदर्श मानते हैं — चाहे वे उस समूह का हिस्सा हों या नहीं।
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