Radha Kamal Mukherjee Short Notes and MCQ || Read Now

राधाकमल मुखर्जी (Radha Kamal Mukherjee) – समाजशास्त्र में योगदान

Radha Kamal Mukherjee (1889–1968) भारत के प्रख्यात समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री और समाज-सुधारक थे। उन्हें भारतीय समाजशास्त्र का पायनियर (Pioneer) कहा जाता है क्योंकि उन्होंने पश्चिमी समाजशास्त्रियों से प्रेरणा लेने के साथ-साथ भारतीय परिप्रेक्ष्य को भी जोड़ा। वे केवल अकादमिक समाजशास्त्री ही नहीं बल्कि एक सामाजिक विचारक (Social Thinker) भी थे, जिन्होंने सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

उनका मानना था कि समाजशास्त्र केवल सैद्धांतिक विषय न होकर एक सामाजिक विज्ञान होना चाहिए जो समाज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करे।


जीवन परिचय

जन्म – 25 दिसंबर 1889, उत्तर प्रदेश

शिक्षा – इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। आगे चलकर अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र दोनों में गहरी रुचि ली।

पद – इलाहाबाद विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग के प्रथम अध्यक्ष बने।

मृत्यु – 1968

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  1. समाजशास्त्र में योगदान

राधाकमल मुखर्जी का योगदान समाजशास्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय है –

  1. मानव पारिस्थितिकी (Human Ecology):
    उन्होंने पर्यावरण और मानव समाज के बीच संबंध को स्पष्ट किया। उनका मानना था कि सामाजिक जीवन और पर्यावरण परस्पर निर्भर हैं।
  2. सामाजिक मूल्यों का अध्ययन (Social Values):
    उन्होंने कहा कि समाज का अस्तित्व मूल्यों (Values) पर टिका है। बिना मूल्यों के समाज विघटित हो जाएगा।
  3. सामाजिक समस्याओं का विश्लेषण (Social Problems):
    उन्होंने भारतीय समाज की समस्याओं जैसे जाति, गरीबी, बेरोजगारी, असमानता आदि पर गहन अध्ययन किया।
  4. सांस्कृतिक समन्वय (Cultural Synthesis):
    उनका विचार था कि भारतीय समाज विभिन्न संस्कृतियों का संगम है। इसलिए भारतीय समाजशास्त्र को सांस्कृतिक विविधता को समझते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

प्रमुख विचार

समाज में एकता (Integration) केवल आर्थिक साधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से होती है।

उन्होंने समाजशास्त्र को नैतिक विज्ञान (Moral Science) के रूप में देखा।

उनका मानना था कि भारतीय समाज की सबसे बड़ी समस्या असमानता और शोषण है।

उन्होंने सामाजिक परिवर्तन को क्रमिक (Gradual) और विकासशील प्रक्रिया बताया।

उन्होंने समाज को एक जैविक इकाई (Organic Unit) माना, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और संस्था का एक विशेष कार्य होता है।


राधाकमल मुखर्जी की पुस्तकें (Books by Radha Kamal Mukherjee)

Regional Sociology (1925)

The Foundations of Sociology (1932)

Personality and the Social Sciences (1947)

The Dynamics of Morals (1956)

Sociology of Values (1955)

The Social Structure of Values (1958)

The Dimensional Sociology (1960)

The Dynamics of Social Ecology (1968)


राधाकमल मुखर्जी के समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण की विशेषताएँ

भारतीय परिप्रेक्ष्य: उन्होंने पश्चिमी विचारों को आँख मूँदकर स्वीकार नहीं किया, बल्कि भारतीय संदर्भ में नए विचार प्रस्तुत किए।

मूल्य-केंद्रित समाजशास्त्र: उनके अनुसार समाज को समझने के लिए सामाजिक मूल्यों को जानना आवश्यक है।

समाज एवं पारिस्थितिकी का संबंध: उन्होंने सबसे पहले भारत में “मानव पारिस्थितिकी” का सिद्धांत विकसित किया।

व्यावहारिक समाजशास्त्र: उनके विचार केवल सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यावहारिक भी थे।

सामाजिक समस्याओं का समाधान: वे चाहते थे कि समाजशास्त्र आम जनता के जीवन को बेहतर बनाए।


10 महत्वपूर्ण बिंदु (10 Key Points of Radha Kamal Mukherjee)

भारतीय समाजशास्त्र के संस्थापक पिताओं में एक।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना की।

“मानव पारिस्थितिकी” (Human Ecology) के प्रमुख प्रवर्तक।

समाजशास्त्र को नैतिक और मूल्य-आधारित विज्ञान माना।

जाति, गरीबी, असमानता जैसी समस्याओं पर गहन अध्ययन।

भारतीय समाज को सांस्कृतिक विविधता का संगम बताया।

सामाजिक परिवर्तन को क्रमिक और विकासशील माना।

समाज को जैविक इकाई की तरह देखा।

उनकी पुस्तकें समाजशास्त्र, पारिस्थितिकी और मूल्यों पर केंद्रित रहीं।

उन्होंने समाजशास्त्र को व्यवहारिक विज्ञान बनाने पर बल दिया।

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Radha Kamal Mukherjee MCQ

Radha Kamal Mukherjee Sociology MCQ

1. राधाकमल मुखर्जी को किस उपाधि से जाना जाता है?

2. राधाकमल मुखर्जी किस विश्वविद्यालय से जुड़े थे?

3. राधाकमल मुखर्जी का प्रमुख सिद्धांत कौन-सा है?

4. राधाकमल मुखर्जी किस आंदोलन से जुड़े थे?

5. उनकी पुस्तक “The Dynamics of Morals” कब प्रकाशित हुई?

6. राधाकमल मुखर्जी ने किस विषय को समाजशास्त्र में विशेष महत्व दिया?

7. राधाकमल मुखर्जी किस विचारधारा से प्रभावित थे?

8. राधाकमल मुखर्जी की समाजशास्त्रीय दृष्टि का मुख्य विषय क्या था?

9. राधाकमल मुखर्जी किस भारतीय नेता से सबसे अधिक प्रभावित थे?

10. राधाकमल मुखर्जी की मृत्यु कब हुई?

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